हमारे बारे में
' सनमार्ग ' सही मार्ग खोजने की ओर इशारा करता है।
हिंदी शॉर्टहैंड स्टेनोग्राफी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ 1999 में हमने अपनी यात्रा शुरू की थी, आज हमने सफलतापूर्वक 23 साल पूरे कर लिए हैं, अब तक हमने हिंदी स्टेनोग्राफी से संबंधित कई किताबें प्रकाशित की हैं।
हिन्दी आशुलिपि के क्षेत्र में हमारा लक्ष्य है कि हम आपको उददेश्यपूर्ण समाधान से मार्गदर्शन दे और आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करे। प्रत्येक छात्र से हमारा वादा है कि हम स्टेनोग्राफी को यथासंभव आसान बना देंगे ताकि सभी को शॉर्टहैंड सीखने में रुचि हो।
हम आपकी परीक्षा की जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त और योग्य सामग्री की खोज में अथक रूप से लगे हुए हैं। हिन्दी स्टेनोग्राफी शिक्षा के लिए सनमार्ग पब्लिकेशन वर्तमान में भारत की अग्रणी स्टेनोग्राफी पुस्तक प्रकाशक है।
हमने आशुलिपि कि पुस्तको के साथ-साथ , यूट्यूब और बेवसाईट के माध्यम से अलग-अलग प्रकार के आशुलिपि के क्षेत्र में सर्वोत्तम अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं |
हमारा विश्वास / दृष्टि
हमारा मकसद ज्ञान की खोज करना है।
हम यहां आपको सही जानकारी देने के लिए हैं
और आशुलिपि सीखने और समझने का सबसे आसान मार्ग।
एक आदमी के सपने से लेकर हज़ारों लोगों के जुनून तक,
हमारी सफलता का पैमाना हमेशा आपकी उपलब्धियां रही हैं।
1999 के बाद से, हम बहुत दूर आ गए हैं और महसूस करते हैं कि यात्रा अभी शुरू हुई है।
हम वहां उपलब्ध हैं जहां आपको हमारी आवश्यकता है
मुख्यालय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।
छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए, सनमार्ग सोशल मीडिया के माध्यम से संचालित होता है।
हम उपलब्ध हैं
हमारे छात्रों की मदद करने के लिए सभी लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म
सही समय पर
जहां उन्हें हमारी जरूरत है।
OUR OFFICIAL BOOK STORES
Arunodaya Prakashan, New Market,Bhopal, Madhya Pradesh.
Old City, Bhopal, Madhya Pradesh.
Ram Mandir, Gwalior, Madhya Pradesh.
Karta Bazar, Sagar, Madhya Pradesh.
Bilaspur, Chhattisgarh.
Barkat Nagar, Jaipur,Rajasthan.
Old Gajner Road, Bikaner, Rajasthan.
Station Road, Patna ,Bihar.
प्रोपराइटर की कहानी
श्रीमती विमलेश
मैंने 1999 में हिंदी आशुलिपि डिक्टेशन संकल्प पुस्तक के पहले संस्करण के साथ सनमार्ग प्रकाशन की स्थापना के साथ अपनी यात्रा शुरू की।
मेरा विचार है कि भारत में जिस प्रकार से अन्य शैक्षिक क्षेत्रों का विस्तार हुआ है। उसी प्रकार से स्टेनोग्राफी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा तीव्र गति से विकास और प्रसार होना चाहिए।
लेखक की कहानी
एम. एस. मेवाड़
मेरा जन्म ग्वालियर, मध्य प्रदेश में 19 नवम्बर 1962 को
हुआ था, मेरे पूज्य पिताजी सरकारी सेवा में थे और पूज्य
माता गृहिणी थीं। मैंने हिन्दी आशुलिपि की शिक्षा 1982-83
में ऋषि प्रणाली में प्राप्त की है। मैं 1999 से अध्यापन कर
रहा हूँ। मेरी पहली पुस्तक विभिन्न अनुभवी प्रशिक्षकों और
शिक्षार्थियों के सुझाव पर 1999 में प्रकाशित हुई थी, जिसने
मुझे अपना दूसरा और तीसरा संस्करण प्रकाशित करने में
मदद की है।
मेरे विचार से आशुलिपिक प्रशिक्षण केन्द्रों, औद्योगिक
प्रशिक्षण केन्द्रों के साथ-साथ पॉलिटेक्निक केन्द्रों में तीन
वर्षीय डिप्लोमा आदि में भी प्रशासनिक प्रशिक्षण प्रारम्भ
किया जाना चाहिये। ये प्रशिक्षण आशुलिपि के क्षेत्र में
विभिन्न सरकारी कार्यों में व्यक्ति के लिये बहुत लाभदायक
हैं।
एक लेखक के रूप में मेरा मानना है कि आशुलिपि को भी अन्य परीक्षाओं
की तरह ही महत्व मिलना चाहिए।
“शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप
दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं “